By: Information Giver
बकरी पालन एक कम निवेश और किफ़ायटीशिर व्यवसाय है बकरी पालन किसान इस व्यवसाय को कम पैसे और कम जगह के साथ आसानी से कर सकता है।
एक बार में दो चूजों को जन्म देने की क्षमता, बकरीया हर तरह की प्रतिकूल वातावरण में कुशलता से जीवित रहने की क्षमता रखती हैं
बकरी पालन तरी के दो प्रकार हैं बंदिस्त और अर्ध-बंदिस्त
इसमें बकरियों को खलिहान और शेड में बंद करके उसी जगह पर ही चारा और पानी दिया जाता है
बकरियों को प्रतिदिन कुछ समय के लिए चरने के लिए छोड़ दिया जाता है और फिर वापस खलिहान में लाया जाता है
खलिहान में चारा और पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, गर्भवती, चूजों, बीमारों, बकरियों के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए।
प्राथमिक उपचार और दवाओं की अलग से व्यवस्था होनी चाहिए, बकरियां ब्याडनेके बाद उनको और चूजों के लिए कप्पे रख दीजिए
– खलिहान बारिश, धुप और ठंड से सुरक्षित होना चाहिऐ
– जमनापारी बकरी – संगमनेरी बकरी – बीटल बकरी